Sunday, January 24, 2016

क्या है कैलाश पर्वत का रहस्य – तथ्य।


कैलाश पर्वत एक विशाल पर्वत है। यह प्रकृति की एक सुंदर
रचना ही है। माना जाता है यदि कोई पिरामिड
प्रकृति ने खुद बनाया है तो वह कैलाश पर्वत ही है।
प्राचीन सनातन ग्रंथों में भगवान शिव को कैलाश पर्वत
का स्वामी बताया गया है। पुरणों के अनुसार भगवान
शिव और माता पार्वती यहीं पर निवास करते हैं। आज
तथ्यों में हम आपको कैलाश पर्वत के कुध अद्भुत रहस्यों को
बतायेंगे। ध्यान से पढ़िये और जानिए इस पर्वत के बारे में।
कैलाश पर्वत …….दुनिया का सबसे बड़ा
रहस्यमयी पर्वत, अप्राकृतिक शक्तियों का
भण्डारक
एक्सिस मुंडी(कैलाश पर्वत) को ब्रह्मांड का केंद्र,
दुनिया की नाभि या आकाशीय ध्रुव और भौगोलिक
ध्रुव के रूप में, यह आकाश और पृथ्वी के बीच संबंध का एक
बिंदु है जहाँ चारों दिशाएं मिल जाती हैं। और यह नाम,
असली और महान, दुनिया के सबसे पवित्र और सबसे
रहस्यमय पहाड़ों में से एक कैलाश पर्वत से सम्बंधित हैं।
एक्सिस मुंडी वह स्थान है अलौकिक शक्ति का प्रवाह
होता है और आप उन शक्तियों के साथ संपर्क कर सकते हैं
रूसिया के वैज्ञानिक ने वह स्थान कैलाश पर्वत बताया
है।
भूगोल और पौराणिक रूप से कैलाश पर्वत महत्वपूर्ण
भूमिका निभाता हैं। इस पवित्र पर्वत की ऊंचाई 6714
मीटर है। और यह पास की हिमालय सीमा की चोटियों
जैसे माउन्ट एवरेस्ट के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकता
पर इसकी भव्यता ऊंचाई में नहीं, लेकिन अपनी विशिष्ट
आकार में निहित है। कैलाश पर्वत की संरचना कम्पास के
चार दिक् बिन्दुओं के सामान है और एकान्त स्थान पर
स्थित है जहाँ कोई भी बड़ा पर्वत नहीं है। कैलाश पर्वत
पर चड़ना निषिद्ध है पर 11 सदी में एक तिब्बती बौद्ध
योगी मिलारेपा ने इस पर चड़ाई की थी।
कैलाश पर्वत चार महान नदियों के स्त्रोतों से घिरा है
सिंध, ब्रह्मपुत्र, सतलज और कर्णाली या घाघरा तथा दो
सरोवर इसके आधार हैं पहला मानसरोवर जो दुनिया की
शुद्ध पानी की उच्चतम झीलों में से एक है और जिसका
आकर सूर्य के सामान है तथा राक्षस झील जो दुनिया
की खारे पानी की उच्चतम झीलों में से एक है और
जिसका आकार चन्द्र के सामान है। ये दोनों झीलें सौर
और चंद्र बल को प्रदर्शित करते हैं जिसका सम्बन्ध
सकारात्मक और नकारात्मक उर्जा से है। जब दक्षिण चेहरे
से देखते हैं तो एक स्वस्तिक चिन्ह वास्तव में देखा जा
सकता है.
कैलाश पर्वत और उसके आस पास के बातावरण पर अध्यन
कर रहे रसिया के वैज्ञानिक Tsar Nikolai Romanov और
उनकी टीम ने तिब्बत के मंदिरों में धर्मं गुरुओं से मुलाकात
की उन्होंने बताया कैलाश पर्वत के चारों ओर एक
अलौकिक शक्ति का प्रवाह होता है जिसमे तपस्वी
आज भी आध्यात्मिक गुरुओं के साथ telepathic संपर्क
करते है।
” In shape it (Mount Kailas) resembles a vast
cathedral… the sides of the mountain are
perpendicular and fall sheer for hundreds of feet, the
strata horizontal, the layers of stone varying slightly in
colour, and the dividing lines showing up clear and
distinct…… which give to the entire mountain the
appearance of having been built by giant hands, of
huge blocks of reddish stone. ”
देखने में तो कैलाश पर्वत एक विशाल कैथेड्रल जैसा
है…..पर्वत एक दम सीधा सा है इसकी साइड्स भी एक दम
सीधी हैं और हजारों फीट तक की हैं, पर्वत की खाल कई
जगहों पर भिन्न है, पर्वत को अलग करने वाली रेखायें
साफ दिखाई देती हैं………इससे ऐसा प्रतीत होता है कि
इस पूरे पर्वत को किन्हीं बहुत ही विशाल हाथों ने
बनाया होगा।
(G.C. Rawling, The Great Plateau, London, 1905).
रूसिया के वैज्ञानिकों का दावा है की कैलाश पर्वत
प्रकृति द्वारा निर्मित सबसे उच्चतम पिरामिड है।
जिसको कुछ साल पहले चाइना के वैज्ञानिकों द्वारा
सरकारी चाइनीज़ प्रेस में नकार दिया था। वे आगे कहते हैं
” कैलाश पर्वत दुनिया का सबसे बड़ा रहस्यमयी, पवित्र
स्थान है जिसके आस पास अप्राकृतिक शक्तियों का
भण्डार है। इस पवित्र पर्वत सभी धर्मों ने अलग अलग नाम
दिए हैं। ”

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