Saturday, January 30, 2016

अक्षय कुमार



जन्म नाम राजीव हरी ओम भाटिया
जन्म सितम्बर 9, 1967 (आयु 48 वर्ष)
अमृतसर, भारत
व्यवसाय फिल्म अभिनेता
कार्यकाल १९९१ – वर्तमान
जीवनसाथी ट्विंकल खन्ना (२००१ – वर्तमान)
पुरस्कार और सम्मान
फिल्मफेयर पुरस्कार
सर्वश्रेष्ठ खलनायक
२००२ अज़नबी
सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता
२००५ गरम मसाला
अक्षय कुमार (पंजाबी: ਅਕਸ਼ੈ ਕੁਮਾਰ, जन्म: राजीव हरी ओम भाटिया, ९ सितम्बर, १९६७) एक भारतीय बॉलीवुड फ़िल्म अभिनेता हैं। वे 100 से अधिक हिन्दी फिल्मों में काम कर चुके हैं।

90 के दशक में,[1] हिट एक्शन फिल्मों जैसे खिलाड़ी (१९९२), मोहरा (१९९४) और सबसे बड़ा खिलाड़ी (१९९५) में अभिनय करने के कारण, कुमार को बॉलीवुड का एक्शन हीरो की संज्ञा दी जाती थी और विशेषतः वे "खिलाड़ी श्रृंखला" के लिए जाने जाते थे। फिर भी, वह रोमांटिक फिल्मों जैसे ये दिल्लगी (१९९४) और धड़कन (२०००) में अपने अभिनय के लिए सम्मानित किए गए और साथ ही साथ ड्रामेटिक फिल्मों जैसे एक रिश्ता (२००१) में अपनी अभिनय क्षमता को दिखाया। २००२ में वे अपना पहला फ़िल्मफेयर पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ खलनायक के रूप में फ़िल्म अजनबी (2001) में अपने अभिनय के लिए। अपनी एक सी छवि को बदलने के इच्छुक अक्षय कुमार ने ज्यादातर कोमेडी फिल्में की।[1] फ़िल्म हेरा फेरी (2002), मुझसे शादी करोगी (2004), गरम मसाला (2005) और जान-ए-मन (२००६) में हास्य अभिनय के लिए फ़िल्म समीक्षकों द्वारा उनकी प्रशंसा की गई। 2007 में वे सफलता की उचाईयों को छुने लगे, जब उनके द्वारा अभिनीत चार लगातार कामर्सियल फिल्में हिट हुई।इस तरह से, वे अपने आपको हिन्दी फ़िल्म उद्योग में एक प्रमुख अभिनेता के रूप में स्थापित किया।[2]

प्रारंभिक जीवन

राजीव हरी ओम भाटिया का जन्म अमृतसर के एक मध्यम वर्गीय पंजाबी परिवार में हुआ।[3] उसके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे। बहुत ही छोटी उम्र से ही, वे एक कलाकार के रूप में जाने गए, विशेषतः एक नर्तक के रूप में। मुंबई आने से पहले, कुमार दिल्ली के चाँदनी चौक में एक पड़ोसी के घर पले-बढ़े।[4] मुंबई में, वे कोलीवाड़ा में रहते थे जो एक पंजाबी बहुल क्षेत्र था।[4] वे डोन बोस्को विद्यालय में पढ़ाई किए और फिर खालसा कॉलेज में, जहाँ उन्होंने खेल में अपनी रुचि दिखाई।[4]

वे मार्शल आर्ट्स (सामरिक कला) की शिक्षा बेंगकोक में प्राप्त किया और वहां एक रसोइया की नौकरी भी करते थे। वे फिर मुंबई वापस आ गए, जहाँ वे मार्सल आर्ट्स की शिक्षा देने लगे।उनका एक विद्यार्थी जो एक फोटोग्राफर था और उन्हें मॉडलिंग करने कहा।उस विद्यार्थी ने उन्हें एक छोटी कंपनी में एक मॉडलिंग असयांमेंट दिया। उन्हें कैमरे के सामने पोज देने के लिए, दो घंटे के 5,000 रुपये मिलते थे, पहले की तनख्वाह 4000 रुपये प्रति महीने की तुलना में यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारण था कि वे क्यों मॉडल बने। मॉडलिंग करने के दो महीने बाद, कुमार को प्रमोद चक्रवर्ती ने अंततः अपनी फ़िल्म दीदार में अभिनय करने का मौका दिया।[4]

करियर

कुमार बॉलीवुड में अभिनय की शुरूआत 1991 की फ़िल्मसौगंध से की, जो सराहा नहीं गया। उनकी पहली प्रमुख हिट 1992 की थ्रिलर फ़िल्म खिलाड़ी थी। 1993 का वर्ष उनके लिए अच्छा नहीं रहा क्योंकि उनकी अधिकतर फ़िल्म फ्लॉप हो गई। फ़िर भी, 1994 का वर्ष कुमार के लिए बेहतरीन वर्ष रहा जिसमें खिलाड़ी के साथ मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी और मोहरा जो साल का सर्वाधिक सफल फिल्मों में से था।[5] बाद में, यश चोपड़ा ने उन्हें रोमांटिक फ़िल्म ये दिल्लगी में लिया जो एक सफल फ़िल्म थी।[5] उन्हें इस फ़िल्म के लिए सराहना मिली, जिसमें वे एक रोमांटिक किरदार में थे जो बहुत ही अलग था उनके एक्शन किरदार से।उन्हें फ़िल्मफेयर और स्टार स्क्रीन उत्सवों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए पहला नोमिनेशन मिला।ये सारी उपलब्धियां, कुमार को उस साल का सफलतम अभिनेता बना दिया।[6]

1995 में, अपनी सफल फिल्मों के साथ, वे खिलाड़ी श्रेणी के तीसरी फ़िल्म सबसे बड़ा खिलाड़ी में अभिनय किया, जो एक हिट थी।[7] वे खिलाड़ी श्रेणी के सभी फिल्मों में सफल रहे और फ़िर बाद के वर्ष में खिलाड़ी टायटल के साथ फ़िल्म खिलाड़ियों के खिलाड़ी में अभिनय किया जिसमें उनके साथ रेखा और रवीना टंडन थी। यह फ़िल्म उस साल का सर्वाधिक सफल फ़िल्म रही।[8]

1997 में, यश चोपड़ा की हिट फ़िल्म दिल तो पागल है में मेहमान कलाकार की भूमिका निभाई, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार में नामांकन हुआ। उसी साल, वे खिलाड़ी श्रेणी के पांचवें फ़िल्म मिस्टर एंड मिसेज़ खिलाड़ी में हास्य भूमिका में नजर आए।खिलाड़ी टायटल के साथ उनकी पिछली फिल्मों की तरह, यह फ़िल्म हिट हुई।[9] और इस तरह इस फ़िल्म की तरह, उनका अगला खिलाड़ी नाम से रिलीज सारी फिल्में आने वाले साल में बॉक्स ऑफिस पर हिट होते चला गया। 1999 में, कुमार को फ़िल्म संघर्ष' और जानवर में उनके किरदार के लिए अच्छी सराहना मिली।जबकि पहली फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल हौ सकी, पर बाद में उन्हें सफलता मिली।[10]

2000 में हास्य फ़िल्म हेरा फेरी में अभिनय किया जो हर लिहाज से सफल रही,[11] और इस फ़िल्म में उन्होंने अपने आपको एक एक्शन और रोमांटिक भूमिकाओं की तरह एक सफल हास्य रोल भी अच्छी तरह निभाया।उन्होंने रोमांटिक फ़िल्म धड़कन में भी काम किया और बाद में उसी साल उसे काफ़ी सफलता मिली।[11] 2001 में, फ़िल्म अजनबी में कुमार ने एक नकारात्मक किरदार निभाया। उनकी फ़िल्म को काफी सराहा गया तथा बेस्ट विलेन के लिए पहला फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला।

हेरा फेरी की सफलता के बाद अक्षय कुमार ने कई हास्य फिल्मों में काम किया, जिनमें शामिल हैं आवारा पागल दीवाना (2002), मुझसे शादी करोगी (2004) और गरम मसाला (2005)। यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर बेहद सफल रही और उनके अभिनय के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार का दूसरा फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।[12][13]

अपनी एक्शन, हास्य और रोमांटिक भूमिकाओं के अलावा कुमार ने ड्रामाई रोल भी बखूबी निभाये जैसे कि एक रिश्ता (2001), आँखें (2002), बेवफा (2005) और वक्त (2005)।

२००६ में वे हेरा फेरी टायटल से बनी दूसरी फ़िल्म फ़िर हेरा फेरी में अभिनय किया। पिछले फ़िल्म की तरह, यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस में सफल हुई।[14] बाद में उसी वर्ष सलमान ख़ान के साथ रोमांटिक संगीत फ़िल्म जान-ए-मन में अभिनय किया। इस फ़िल्म का बेसब्री से इंतजार था और आलोचकों से अच्छा रिव्यू मिलने के बावजूद यह बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सक

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